GENERAL DUTY ASSISTANT
General Duty Assistant
अंकित और मैं (अर्जुन ) नेहरू युवा केंद्र के प्रोग्राम के लिए प्रवीण जी के साथ बारां गए थे। वहां पर हमने तीन दिन का प्रशिक्षण लिया जब हम आने लगे तो अंकित ने बोला कि मैं नर्सिंग का फॉर्म भरने जा रहा हूं और आज लास्ट डेट है तो मैंने पूछ लिया कि मैं भी भर सकता हूं क्या तो उसने बताया कि मैं पूछ कर बताता हूं तो उसने फिर किसी को कॉल किया और उसने पूछ कर बताया कि भर सकते हो। फिर हम दोनों फिर जहां पर centre (कॉलेज) था वहां पर पहुंचे वहां पर मेम और सर मिले। मेम ने बोला डॉक्यूमेंट जमा कराने आए हो । फिर मैंने बोला कि मेरे पास तो डॉक्यूमेंट अभी नहीं है तो फिर मेम ने बोला ऑनलाइन हो तो जेरॉक्स दे दो फिर हमने ऐसा ही किया फिर उन्होंने बोला कि तुम यहां पर ही रह सकते हो परंतु मेरे पेपर था तो मैंने बोला कि हमारे पेपर है तो हम कुछ दिन बाद आएंगे। फिर अंकित ने बोला कि हम हॉस्टल देख लेते हैं तो हम हॉस्टल देखने के लिए ऊपर गए जिस दिन संडे की छुट्टी होने के कारण वहां पर कोई नहीं था फिर हम देख कर वापस आ गए और घर के लिए निकल गए।
फिर मैं दूसरे दिन पेपर देने को कोटा निकल गया फिर दो-तीन दिन बाद मैं अंकित को कॉल किया तो अंकित ने बताया कि मैं तो सेंटर पर आ गया हूं तुम भी आ जाओ फिर मैं दो दिन बाद सेंटर पर गया तुम मुझे ऊपर जाते ही पहले विष्णु मिल गया मैंने उससे पूछ लिया तुम विष्णु हो क्या तो उसने बताया `हां’(हम पहले भीं मिले थे जिस लिए जानते थे पर समय ज्यादा होने की वजह से भूल गए थे)
फिर अंकित ने बोला कि ऑफिस में सर उनसे मिलकर आओ तो अंदर गया तो सर ने बोला इतने दिन कहां थे। मेने सर से बोला कि मेरा पेपर 2 दिन बाद था तो मैं बोल कर गया था सर ने बोला ठीक है तुम हॉस्टल में जो वहां पर तुमको बेड मिलेगा और तुमको एक लॉकर मिलेगा उसमें अपने सामान रख देना । और कुछ चाहिए तो ऑफिस में बता देना। मैं गया जिस दिन सोमवार का दिन था और पढ़ाई हो रही थी वहां पर दो बेच चल रहे थे। First - second फिर अंकित उसके बेच में मुझे लेकर गया वहां मेम से पूछा मेने की आपके बेच में मेरा नाम है क्या तो मेम ने बताया की इसे में हैं तुमारा नाम तो फिर मेम ने जिस दिन की मेरी मेरी प्रजेंट नहीं लगाई और और बोला कल से लगेगी तुम्हारी प्रेजेंट क्योंकि आज तुम लेट आए हो। फिर मैं क्लास में जाकर बैठ गया मेम पढ़ रहे थे। कुछ देर बाद लंच हो गया और सभी खाना खाने चले। फिर सभी से परिचय हुआ और धीरे-धीरे बातें करने लगे और दोस्ती हो गई फिर शाम को छुट्टी हो गई लगभग 5:20 पर छुट्टी हो गई। फिर fist floor पर आफिस वाली मेम के पास पेजेंट ऑनलाइन पेजेंट लगाई वहां पर दो बार प्रेजेंट लगती थी ऑनलाइन लगती थी शाम और सुबह फिर क्लास की प्रजेंट लगती थी ऑफ लाइनऑफ लगती थी
फिर छुट्टी होने के बाद हम सब हॉस्टल में पहुंचे पहले में अंकित को ही जानता था इसलिए किसी से ज्यादा बात नहीं करता था विष्णु मुझे जानता था पहले से इसलिए जी लिए उसने अंकित को बोला अर्जुन को भी हमारे साथ हमारे रूम में रख लेंगे फिर हम साथ में रहने लगे वहां पर एक विष्णु का दोस्त विशाल भी रहता था और और दो तीन और भी थे । धीरे-धीरे सभी से मुलाकात हुई और फिर धीरे-धीरे सभी के नाम पता चल के नाम से बात करने लगे फिर मॉर्निंग को सभी साथ मिला नहा कर मंदिर चले गए उसके पास उसके बाद हमने आकर ऑनलाइन प्रेजेंट लगा आई फिर हम कंप्यूटर क्लास में जाकर बैठ गए खुद ऑफिस वाली मेंम हमको पढ़ती थी और हमारे fist बैच में गणेश जी सर पढ़ाते थे विष्णु और विशाल उनके बीच में थे तो वह हमसे अलग बैठे वह दूसरे रूम में बैठे हुए थे और हम कंप्यूटर वाले में अंकित भी मेरे साथ ही था फिर कंप्यूटर क्लास खत्म होने के बाद हमारा नाश्ता बन चुका था तो हमने नाश्ता किया फिर कुछ ही देर में हमारी थ्योरी की क्लास चालू हो गई और छोटी वाली मेंम हमको पडा ती थी (हम सब ऑफिस वाली मैम को बड़ी मेम और जो हमको पड़ा ती थी उनको छोटी मेम बोलते थे ) फिर उन्होंने उसे दिन से मैं भी प्रेजेंट लगना शुरू किया था जो रजिस्टर में लगाते हैं फिर मेम ने थोड़ी देर थ्योरी पढ़ाई फिर थोड़ी देर बाद ही हमारा लंच हो गया फिर हम सब खाना खाने चले गए फिर खाना खा के वापस आने के बाद थोड़ी देर थ्योरी पढ़ाई फिर हमारी प्रेक्टिकल की क्लास लग गई और उसको भी छोटी मेम पड़ाती थी मैं जिस दिन मुझे क्योंकि मेरे पहले दिन गया था प्रैक्टिकल क्लास में इसलिए मुझे उन्होंने सभी टूल और नॉर्मल वाटर साइन बताए थे और सभी से पूछे भी थे रोज ऐसा चलता है ही रहता था फिर कुछ दिन बाद हम सब अच्छे दोस्त बन गए और सभी से जान पहचान हो गई और जिस दिन मैंने बीपी चेक करना सीखा था मेरे काम पूरा नहीं हो रहा था
इसलिए मैं रोहित की नोटबुक ली और थोड़े दिनों में काम पूरा कर दिया
क्योंकि मेम ने भी बोला था काम पूरा करने को इसलिए मैंने काम भीं कर लिया था मैं काम पूरा किया जिसने दिन में अंकित घर पर चल गया था इसलिए उसका और भी काम छूट गया था और मेरे पूरा हो गया था इस लिए मुझे रोज उसकी मेम को बोलने का मोका मिल गया था अंकित काम नही करता ऐसा बोलता रहा था । फिर मेम से बोलता था इसे question Answer और इसे ही मस्ती करते रहते थे